नचिकेता और यम का संवाद
Kathy Upanishad was written by achary Kath. It is legendary story of a little boy, Nachiketa who meets Yama (the Indian deity of death). Their conversation evolves to a discussion of the nature of man, knowledge, Soul, Self and liberation.
आचार्य कठ ने उपनिषद रचना की। जो कठोपनिषद कहलाया। इस में नचिकेत और यम के बीच संवाद का वर्णन है । यह मृत्यु रहस्य और आत्मज्ञान की चर्चा है।
विश्वजीत यज्ञ किया वाजश्रवा ने ,
सर्वस्व दान के संकल्प के साथ।
पर कृप्णता से दान देने लगे वृद्ध गौ।
पुत्र नचिकेत ने पिता को स्मरण कराया,
प्रिय वस्तु दान का नियम।
क्रोधित पिता ने पुत्र नचिकेत से कहा-
“जा, तुझे करता हूँ, यम को दान।”
नचिकेत स्वंय गया यम के द्वार ।
तीन दिवस भूखे-प्यासे नचिकेत के
प्रतिबद्धता से प्रसन्न यम ने दिया उसे तीन वर ।
पहला वर मांगा -पिता स्नेह, दूसरा -अग्नि विद्या,
तीसरा – मृत्यु रहस्य और आत्मा का महाज्ञान।
और जाना आत्मा -परमात्मा , मोक्ष का गुढ़ रहस्य.
यज्ञ किया पिता ने अौर महाज्ञानी बन गया पुत्र ।
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