उफ्फ इतने गहरे , इतनी सरलता से कवि मन ही उतर सकता है मित्र , संयोगवश आजकल मैं खुद धर्म अध्यात्म , जीवन मृत्यु और दर्शन को समझने की कोशिश में ढेर सारी किताबें पढ़ रहा हूँ ..एक नज़रिया ये भी सही ..बहुत सुन्दर सरल और प्रभावी है जी
और हाँ आपके ब्लॉग को बुकमार्क कर रहा हूँ जल्दी ही अपने ब्लॉग पर आपका परिचय करवाना है अपनी मित्र मंडली से , उनके लिए लाभदायाक और आपके लिए यादगार होगा | लिखती रहे आप ..
जय मां हाटेशवरी... अनेक रचनाएं पढ़ी... पर आप की रचना पसंद आयी... हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें... इस लिये आप की रचना... दिनांक 13/10/2016 को पांच लिंकों का आनंद पर लिंक की गयी है... इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
उफ्फ इतने गहरे , इतनी सरलता से कवि मन ही उतर सकता है मित्र , संयोगवश आजकल मैं खुद धर्म अध्यात्म , जीवन मृत्यु और दर्शन को समझने की कोशिश में ढेर सारी किताबें पढ़ रहा हूँ ..एक नज़रिया ये भी सही ..बहुत सुन्दर सरल और प्रभावी है जी
ReplyDeleteऔर हाँ आपके ब्लॉग को बुकमार्क कर रहा हूँ जल्दी ही अपने ब्लॉग पर आपका परिचय करवाना है अपनी मित्र मंडली से , उनके लिए लाभदायाक और आपके लिए यादगार होगा | लिखती रहे आप ..
ReplyDeleteजय मां हाटेशवरी...
ReplyDeleteअनेक रचनाएं पढ़ी...
पर आप की रचना पसंद आयी...
हम चाहते हैं इसे अधिक से अधिक लोग पढ़ें...
इस लिये आप की रचना...
दिनांक 13/10/2016 को
पांच लिंकों का आनंद
पर लिंक की गयी है...
इस प्रस्तुति में आप भी सादर आमंत्रित है।
लिखती रहें ।
ReplyDeleteसंभावनाएं अनंत हैं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और प्रभावी
ReplyDeleteरेखा जी, दुसरे जहां के बारे में इंसान को कुछ भी पता नहीं है। संभवत: इसी कारण इंसान इस जहांंसे जाने में डरता है।
ReplyDelete